केजरीवाल सरकार बदलेगी दिल्ली की सुरत, बजट 2022 को विस्तार से समझिए



नई दिल्ली: दिल्ली के भविष्य के लेकर दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में बजट पेश किया. ये बजट कुल 75 हज़ार 800 करोड़ रुपये का है. इस बजट को इस बार दिल्ली सरकार ने रोज़गार बजट का नाम दिया है. क्या क्या है बजट में आपके लिए बताएँगे आपको. 

दिल्ली सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश कर दिया है. इस बजट में दिल्ली में केजरीवाल सरकार का फोकस नौकरियां, स्वास्थ्य, नाइट लाइफ, मार्केट, ग्रीन एनर्जी, रिटेल सेक्टर पर है.


75,800 करोड़ के इस बजट में दिल्ली सरकार ने अगले 5 साल में 20 लाख नौकरियां लोगों को देने का लक्ष्य रखा है. दिल्ली सरकार नौकरियों में ग्रीन जॉब्स पर जोर दे रही हैं. 


इस बजट में 16278 करोड़ रुपये शिक्षा का बजट है.  हेल्थ पर 9669 करोड़ रुपये खर्च किए जाएँगे. वहीं 9539 करोड़ रुपये परिवहन सेवाओं के लिए बजट रखा गया है. 


दिल्ली के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्रालय संभाल रहे मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि ये आम आदमी पार्टी सरकार का आठवां बजट है. दिल्ली में 7 साल में क्रांतिकारी काम हुए हैं. 


मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि पिछले साल AAP सरकार ने देशभक्ति बजट पेश किया था, इस बार का हमारा बजट रोजगार बजट है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले पांच साल में दिल्ली के लोगों को 20 लाख नौकरियां देने का टारगेट है.


मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें अगले 5 वर्षों में खुदरा क्षेत्र में 3 लाख नौकरियां और अगले 1 साल में 1 लाख 20 हज़ार से अधिक नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. मनीष सिसोदिया ने कहा 1.5 लाख रोजगार सृजित करने के लिए दिल्ली के 5 प्रसिद्ध बाजार को विकसित किया जाएगा. इसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. 


मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश की जीडीपी में दिल्ली की हिस्सेदारी 2011-12 में 3.94 फीसदी से बढ़कर 2021-22 में 4.21 फीसदी हो गई है. जबकि इसके अनुपात में यहां कम लोग रहते हैं. 


दिल्ली बजट 2022-23 में नगर निकायों के लिए 6,154 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में रोजगार बाजार पोर्टल 2.0 लाया जाएगा. इससे पहले के राउंड में 15 लाख लोग नौकरी मांगने वाले और 10 लाख लोग नौकरी देने वाले सामने आए थे. इसके माध्यम से हर साल एक लाख नई नौकरियां देने का लक्ष्य है. 


दिल्ली सरकार अपने हर एक विभाग में एंप्लॉयमेंट ऑडिट करवाएगी ताकि बताया जा सके कि अगर कहीं एक भी रुपया खर्च हो रहा है तो उसका आउटकम क्या है, जनता का पैसा खर्च हुआ तो कितनी नौकरी पैदा हुई? दिल्ली सरकार ने आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक और आम आदमी पॉलीक्लिनिक के लिए 475 करोड रुपये आवंटित किए हैं. 


अब तक 5 करोड़ 49 लाख लोगों ने  मोहल्ला क्लीनिक में इलाज करवाया है, इससे लोगों का खर्च बचा है. दिल्ली के स्कूलों में स्कूल क्लीनिक शुरू किए गए जिससे बच्चों का चेकअप किया जा सके. इसमें बच्चों के मानसिक उलझन की भी जांच 6 महीने में की जाएगी.


मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार दो बड़े कदम उठाने है जा रही है. दिल्ली के सभी नागरिकों को ई हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. इससे समय पर और बेहतर इलाज कराने में आसानी होगी. इसके लिये 160 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा एक निशुल्क हेल्थ हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी. जिनके पास हेल्थ कार्ड होगा वो इस हेल्पलाइन पर फोन करके पूछ सकता है कि किस बीमारी का कहां इलाज करवाना है. 


हेल्थ कार्ड के आधार पर अस्पताल में अपॉइंटमेंट भी दिया जाएगा. 2022-23 में स्वास्थ्य के लिए 9669 करोड़ का बजट अनुमान रखा गया है. दिल्ली में आम आदमी योगशाला शुरू की गई है. कोरोना के दौरान 450 योग शिक्षकों ने 15 हजार से ज्यादा लोगों को योग सिखाया. इसके लिए 15 करोड़ का प्रावधान है.


बजट में दिल्ली सरकार ने 2022-23 के लिए बिजली बिल पर सब्सिडी के लिए 3250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. नाइट लाइफ पर फोकसमनीष सिसोदिया ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में फ़ूड हब की पहचान करेंगे. नई फूड ट्रक पॉलिसी लाएंगे. रात  8 बजे से रात 2 बजे तक फूड ट्रक लग सकेंगे. इससे दिल्ली में नाइट लाइफ बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. 


सरकार दिल्ली के प्रमुख फूड हब की पहचान करेगी और उनको रीडिवेलप करेगी. क्लाउड किचन की संख्या हर साल 20 फ़ीसदी बढ़ रही, अभी 20,000 से ज्यादा क्लाउड किचन है और दो लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं. यह नाइट इकोनॉमी को भी सपोर्ट करते हैं. क्लाउड किचन को भूमि देने और लाइसेंस आसानी से देने की योजना लेकर आए हैं. 


क्लाउड किचन इंडस्ट्री अगले 5 साल में 42000 को रोजगार देगी. रिटेल और फूड बेवरेज सेक्टर हर साल 25% की गति से बढ़ रहा है. 


दिल्ली सरकार अगले साल से 30% आरक्षण के साथ महिला ड्राइवरों के साथ 4200 से अधिक ई ऑटो लेकर आ रही है. सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से अगले 5 साल में हर साल 5000 ई-ऑटो परमिट जारी करेंगे. इससे 25000 नई नौकरी पैदा होगी.  


इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग आज दुनिया में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला सेक्टर है. दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक सिटी का निर्माण किया जाएगा जिससे 80,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. सरकार बापरोला में 90 एकड़ में प्लग एंड प्ले मैन्युफैक्चरिंग की स्थापना करेगी ताकि इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को दिल्ली में अपना प्लांट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जा सके


बजट में दिल्ली के रिटेल मार्केट को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल शुरू करने का ऐलान किया गया है. देश विदेश के ग्राहकों को दिल्ली में बुलाकर शॉपिंग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली में शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे. छोटे-छोटे स्थानीय बाजारों को ग्राहकों से जोड़ने के लिए दिल्ली बाजार पोर्टल शुरू करेंगे.


इसके अलावा दिल्ली सरकार स्टार्टअप पॉलिसी लेकर आ रही है. इस नई पॉलिसी के तहत नौकरी मांगने के लिए तैयार आबादी को नौकरी देने वाली आबादी में बदलना है. इसके अलावा दिल्ली में एक नया इलेक्ट्रानिक शहर बसाया जाएगा. 


उन्होंने कहा कि होल सेल के लिए दिल्ली होल सेल फेस्टिवल लगाएंगे, गांधी नगर मार्केट कपड़ों के बाजार का नया हब बनेगा. इसके अलावा दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा. 


ये हमने आपको बताया कि दिल्ली के रोज़गार बजट में मोटा मोटी क्या है? अब बजट पर चर्चा 28 मार्च को होगी.


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