पाक पीएम इमरान खान ने इस्तीफ़े की चर्चा के बीच टाला देश के नाम संबोधन

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान.


कराची: पाकिस्तान में इन दिनों सियासत का खेल जारी है. मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी की लड़ाई लंबी होती जा रही है.


अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद अब नज़र है तो बस ये कि आख़िर इमरान खान पीएम पद से इस्तीफ़ा कब देंगे. 


गुरुवार से इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू होनी है. विपक्ष के सामने इमरान खान के ख़िलाफ़ 172 वोट जुटाने की चुनौती है


इमरान खान ने अपनी पार्टी तहरीक़--इंसाफ़ को सदन से दूर रहने को कहा है. इस बीच आज सेना प्रमुख और आइएसआई प्रमुख भी इमरान ख़ान के घर गए. अंदेशा ये है कि कहीं उनके यहां भी भितरघात हो जाए. इमरान खान के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो रहा है


आज वहां कई विपक्षी दलों ने मिलकर प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि ये पाकिस्तान के भविष्य का सवाल है.


इन सब हलचलों के बीच इमरान खान आज अपने देश से मुख़ातिब होने वाले थे जिसे अब उन्होंने टाल दिया है.


बुधवार को पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे. फवाद चौधरी ने उर्दू में ट्वीट करते हुए लिखा है, 'प्रधानमंत्री इमरान खान आखिरी गेंद तक लड़ने वाले खिलाड़ी हैं. वह इस्तीफा नहीं देंगे.' 


इमरान खान की पार्टी पीटीआई को एक और बड़ा झटका तब लगा जब उसके प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान ने सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ दिया और विपक्ष से हाथ मिला लिया


पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 172 है. पीटीआई के नेतृत्व वाला गठबंधन 179 सदस्यों के समर्थन से बनाया गया था


इमरान खान की पीटीआई के 155 सदस्य हैं और बलूचिस्तान अवामी पार्टी और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस सहित अन्य प्रमुख सहयोगियों के पास लगभग 20 सीटें हैं.


इमरान खान के हालात अभी ऐसी है कि चार सहयोगियों में से तीन - एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू और बीएपी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन दिया है कहा कि उसके मुताबिक ही वे मतदान करेंगे


पाकिस्तान में विपक्षी दलों को सदन के 162 सदस्यों का समर्थन प्राप्त होता दिख रहा है और उम्मीद की जा रही है कि मतदान के दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन के तीन दल उनके साथ शामिल हो सकते हैं, जिससे उन्हें बहुमत का आंकड़ा पार करने में मदद मिलेगी.


सदन के 161 सदस्यों के समर्थन से 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव सदन में पेश किया गया था. अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को मतदान होगा. हालांकि, अभी इमरान की स्थिति स्पष्ट नहीं दिख रही है.

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