Wrestlers Protest: WFI चीफ के इस्तीफ़े पर अड़े खिलाड़ी, बृजभूषण सिंह बोले नहीं दूंगा इस्तीफा

Wrestlers Protest


नई दिल्ली:  भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कई कोचों के खिलाफ यौन शोषण करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। उनकी मांग है कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष को तुरंत बर्खास्त किया जाए। वहीं, बृजभूषण शरण सिंह ने सभी आरोपों का सिरे से खंडन किया और इस्तीफा नहीं देने की बात कही है। 


बृजभूषण शरण सिंह आज यानी शुक्रवार (20 जनवरी) को शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने दावा है कि वह अपने समर्थन में कम से कम 300 पहलवानों को पेश करेंगे। उधर, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने WFI चीफ के खिलाफ इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का रुख किया है। मेडल विजेता कई पहलवानों ने IOA अध्यक्ष पीटी ऊषा को लिखित शिकायत भेजी है।

अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों का खंडन करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, "अगर मैं बोलूंगा तो सुनामी आ जाएगी।" उन्होंने कहा, "मैं यहां किसी की मदद से नहीं हूं, मुझे जनता ने चुना है।" उन्होंने कहा, "मैं आज शाम चार बजे मीडिया के सामने कई सबूत पेश करूंगा।"


प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने भी अपने पास कई सबूत होने का दावा किया है। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा, "हम कानून का सहारा लेकर चलेंगे। WFI अध्यक्ष ने कहा कि प्रूफ होगा तो फांसी पर लटकूंगा, तो ये भी जल्द होगा।" पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, "हमारी लड़ाई किसी सरकार से नहीं है, हमारी लड़ाई सिर्फ फेडरेशन से है। हम भी प्रदर्शन नहीं चाहते। मुझे नहीं लगता कि इतना समय लगना चाहिए। "


खेल मंत्री अनुराग ठाकुर आज शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों से मुलाकात करेंगे। इसके पहले गुरुवार देर रात भी वे खिलाड़ियों से मिले थे। हालांकि, इस बैठक से पहलवान ज्यादा खुश नजर नहीं आए। बैठक के बाद पहलवानों ने कहा कि वह कुश्ती संघ के मुखिया का इस्तीफा लेकर रहेंगे। वहीं उन्होंने यह भी कह दिया कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तबतक वह धरना जारी रखेंगे।


खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि आरोप गंभीर हैं। खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को पत्र लिखकर 72 घंटे में जवाब मांगा है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने WFI अध्यक्ष को तलब किया है और उन्हें मीडिया के सामने कोई भी बयान देने के प्रति आगाह किया है क्योंकि इससे पहलवानों के साथ स्थिति और जटिल हो जाएगी।


प्रदर्शनकारी पहलवानों ने ओलंपिक एसोसिएशन का रुख किया है। साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित कई पहलवानों ने IOA अध्यक्ष पीटी ऊषा को लिखित शिकायत भेजी है। जिसमें उन्होंने WFI चीफ के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। 


पहलवानों ने पीटी उषा को लिखे अपने पत्र में कहा, "उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।" उन्होंने WFI के अध्यक्ष पर खिलाड़ियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पहलवानों ने आरोप लगाया कि टोक्यो में ओलंपिक पदक से चूकने के बाद विनेश फोगाट को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। इसके कारण वह आत्महत्या तक करना चाहती थी।


विनेश फोगाट इन आरोपों के सबूत देने को भी तैयार हैं। पहलवानों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो IOA अध्यक्ष पीटी ऊषा के सामने सारे सबूतों को पेश किया जाएगा। विनेश फोगाट ने कहा, "दुर्भाग्य से हमें संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। कल हमारे बीच 1-2 पीड़ित थे लेकिन अब हमारे पास 5-6 पहलवान हैं, जिनका यौन उत्पीड़न किया गया। अभी हम उनका नाम नहीं ले सकते, आखिर वे किसी की बेटियां और बहनें हैं।" उन्होंने कहा, "अगर हमें उनकी पहचान का खुलासा करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो यह एक काला दिन होगा।"


पहलवान बजरंग पूनिया ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि हमारी ट्रेनिंग खराब हो रही है और हम भी यहां बैठना नहीं चाहते। हमने अपनी सभी मांगें सरकार के सामने रख दी हैं, मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रहेगा। बजरंग पूनिया ने कहा, "हमारी लड़ाई किसी सरकार से नहीं फेडरेशन से है।।।ये साल बेहद अहम है, उम्मीद है सरकार जल्द कार्रवाई करेगी।"


बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जल्द सुनवाई करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि फेडरेशन के अध्यक्ष इसे राजनीतिक रंग दे रहे हैं, लेकिन प्रर्दशन में केवल खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा, "हमें भी दुख हो रहा है कि खिलाड़ी अपनी ट्रेनिंग छोड़कर आएं हैं, इसमें कोई राजनीति नहीं है, कोई राजनेता आता है तो वह मंच पर नहीं आएं।"


खेल मंत्रालय ने प्रदर्शनकारियों से इंतजार करने का आग्रह किया है क्योंकि उसने महासंघ से जवाब मांगा है। WFI आज यानी शुक्रवार (20 जनवरी) की दोपहर तीन बजे तक अपना जवाब दाखिल कर सकता है। इससे पहले बुधवार (18 जनवरी) को खेल मंत्रालय ने कहा था कि अगर WFI अगले तीन दिनों में जवाब नहीं देता है तो खेल मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के तहत महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा।

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