Junaid and Nasir Case: हरियाणा सरकार का आदेश, नूंह में तीन दिन इंटरनेट सेवाएं रहेगी बंद



चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से जिला नूंह में इंटरनेट सेवाओं को अस्थाई रूप से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। 26 फरवरी से 28 फरवरी, 2023 रात्रि 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं 2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस और सभी एसएमएस सेवाओं (बल्क एसएसएम सहित, बैंकिंग व मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं आदि अस्थाई रूप से बंद रहेंगी।

वॉइस कॉल जारी रहेगी। यह आदेश दूरसंचार सेवाओं का अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के नियम (2) के साथ पठित भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 के तहत जारी किए गए हैं।


इस संबंध में सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला नूंह में वर्तमान स्थिति के मद्देनजर सांप्रदायिक तनाव व सामाजिक शांति भंग होने की आशंका को देखते हुए एसएमएस और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक ट्विटर आदि के माध्यम से दुष्प्रचार और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को 3 दिनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। 


प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त आदेश के उल्लंघन का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर संबंधित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।


कालू के समर्थन में हुई पंचायत


भिवानी में दोहरे हत्याकांड में कैथल के गांव बाबा लदाना निवासी आरोपी कालू का नाम आने पर शनिवार शाम को गांव में पंचायत हुई। इसमें गोरक्षा और बजरंग दल के सदस्यों ने भाग लिया। साथ ही पूरे घटनाक्रम की सीबीआई से जांच की मांग को लेकर आगामी एक मार्च को महापंचायत बुलाने का फैसला लिया गया। पुलिस को भी चेतावनी दी गई कि बिना पंचायत की अनुमति के गांव में किसी भी घर की तलाशी न ली जाए। महापंचायत की तैयारियों के लिए 15 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया।


गांव बाबा लदाना के बाबा बालनाथ मंदिर में शनिवार शाम को आयोजित पंचायत में काफी संख्या में लोग पहुंचे। पंचायत की अध्यक्षता गांव के सरपंच गुरनाम सिंह ने की। पंचायत में गांव के व्यक्तियों ने कहा कि कालू का नाम दोहरे हत्याकांड के मामले में आया है।


इस संबंध में कभी राजस्थान पुलिस तो कभी स्थानीय पुलिस कालू के परिवार को बार-बार तंग कर रही है। इस पर गांव के लोगों ने विचार रखे। कुछ लोगों ने गांव में पुलिस के घुसने पर रोक लगाने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि पुलिस सीधा घर में घुसकर बहू-बेटियों को प्रताड़ित नहीं कर सकती। लंबे विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया कि एक मार्च को गांव में ही महापंचायत आयोजित की जाएगी।


सरपंच ने कहा कि बिना किसी सबूत के वे पुलिस को कार्रवाई नहीं करने देंगे। मामले में सीबीआई जांच की मांग की जाएगी। यदि कालू दोषी होगा तो उसका समर्थन नहीं किया जाएगा। यदि वह निर्दोष होगा तो परिवार को प्रताड़ित नहीं होने दिया जाएगा। बजरंग दल के कार्यकर्ता अभिषेक गोयल ने कहा कि राजस्थान पुलिस का अमानवीय चेहरा लगातार सामने आ रहा है।


राजस्थान पुलिस की आरोपियों के गांवों में दबिश, नहीं लगा सुराग


जुनैद-नासिर हत्याकांड के आरोपी गोरक्षकों को पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस ने करनाल में पांच दिन से डेरा डाला है। शनिवार को भी स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर राजस्थान पुलिस ने घरौंडा और मूनक में आरोपियों के गांवों में दबिश दी लेकिन पुलिस को अब तक आरोपियों का सुराग नहीं मिला है।


आठ नाम सामने आने के बाद भी नहीं पता किसकी क्या थी हत्याकांड में भूमिका


नासिर-जुनैद हत्याकांड के 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस पूरे प्रकरण में आरोपियों की भूमिका से पर्दा नहीं उठा पाई है। हत्याकांड में आठ गो सेवकों के नाम उजागर हुए हैं, लेकिन अभी तक पुलिस कई आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है। हत्याकांड में किस आरोपी की क्या भूमिका थी, इसका भी खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि इस हत्याकांड में भिवानी के दो गो सेवकों के नाम भी उजागर हुए हैं, लेकिन अभी तक ये दोनों भी भरतपुर पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।


गांव बारवास की बणी में बोलेरो गाड़ी के अंदर 15 फरवरी की रात को राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमिका गांव के नासिर और जुनैद नामक दो युवकों को जिंदा जलाए जाने का मामला सामने आया था। 16 फरवरी की सुबह आसपास के ग्रामीणों ने इस हत्याकांड की सूचना लोहारू पुलिस को दी थी। जिसके बाद मामले की गंभीरता को भांपते हुए पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह, लोहारू उप पुलिस अधीक्षक जगत सिंह मोर के अलावा लोहारू एसएचओ के अलावा सीआईए और एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंची थी।


प्रारंभिक दृष्टि में ही पुलिस ने इसे हत्या का मामला मानते हुए जांच शुरू की थी। दोनों मरने वालों की पहचान भी राजस्थान के घाटमिका गांव निवासी नासिर और जुनैद चचेरे भाइयों के रूप में हो गई थी। जिनका अपहरण हुआ था और उसके बाद उनकी हत्या हुई थी। बहरहाल भरतपुर जिले के गोपालगढ़ पुलिस थाना में मृतक के चचेरे भाई इस्माइल की शिकायत पर अपहरण के बाद हत्या और शव को खुर्दबुर्द किए जाने की एफआईआर दर्ज हुई। इस हत्याकांड में भरतपुर पुलिस ने आठ गो सेवकों के नाम उजागर किए।


इसमें भिवानी के मोनू राणा और अनिल गोगी का नाम भी आया। ये दोनों भिवानी के हैं। ये दोनों ही पुलिस की गिरफ्त से अभी तक बाहर हैं। हालांकि लोकल पुलिस के साथ भरतपुर पुलिस भी हत्या आरोपियों की तलाश में हर जगह दबिश दे रही है। वहीं बारवास की बणी में इस हत्याकांड से जुड़ी कोई भी गतिविधि पुलिस की नहीं है।

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