Delhi Liquor Scam Case : सिसोदिया को तिहाड़ की सेल नंबर 1 में हत्या के इरादे से रखा गया, उन्हें मारने की साजिश- AAP



नई दिल्ली: Delhi Liquor Scam Case : आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को आरोप लगाया कि यह पहली बार है जब अंडर ट्रायल दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को तिहाड़ जेल की सेल नंबर 1 में खूंखार अपराधियों के साथ रखा गया है।

सौरभ भारद्वाज ने साज़िश का आरोप लगाते हुए कहा कि "एक अंडरट्रायल कैदी को सेल नंबर 1 में कभी नहीं रखा जाता है। वहां कई हत्या के मामलों के साथ बहुत कठोर अपराधी हैं। उनमें से कुछ मानसिक रूप से भी स्वस्थ नहीं हैं। अगर कोई और मामला जोड़ा जाता है तो इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। स्पष्ट आदेश था अदालत ने कहा कि मनीष सिसोदिया को विपश्यना कक्ष में रखा जाएगा जहां वह ध्यान कर सकेंगे। हम राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं लेकिन क्या केंद्र अब राजनीतिक हत्याएं करेगा?' 


जेल अधिकारियों ने पहले कहा था कि सिसोदिया को वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सेल में रखा गया है। अन्य कैदियों की तरह, दिल्ली के पूर्व मंत्री को बुनियादी चीजें दी गई हैं।


'इतनी साज़िशों के बाद भी बीजेपी हार रही'

सौरभ भारद्वाज ने कहा- “हम राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं। लेकिन क्या ऐसी दुश्मनी स्वीकार्य है? आप हमसे कई बार हार चुके हैं। इतनी साजिशों के बाद भी मेयर और डिप्टी मेयर के पद हमारे पास आए। आपने हमारे नेताओं को जेल भेजा है लेकिन लोगों की सहानुभूति हमारे साथ है।" 


वहीं आप सांसद संजय सिंह ने कहा, "हमें चिंता है कि मनीष सिसोदिया को जान का खतरा है। आप सिसोदिया से इतना डरते क्यों हैं? क्या ऐसे अपराधियों के साथ पहली बार किसी कैदी को रखा गया है?"


CBI ने 26 फ़रवरी को किया था गिरफ्तार


सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मामले में CBI ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। 6 मार्च को उन्हें 20 मार्च तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सिसोदिया अपने साथ भगवद गीता की एक प्रति भी लाए थे। 

मंगलवार को सिसोदिया को कुछ अतिरिक्त कपड़े मिले। एक अधिकारी ने कहा कि जेल मैनुअल के मुताबिक, सोमवार की रात को उन्हें कंबल, साबुन और टूथपेस्ट जैसी बुनियादी चीजें दी गईं और रात के खाने के लिए चावल, चपाती, दाल आदि परोसी गई।


अदालत ने सिसोदिया को जेल में भगवद गीता, एक जोड़ी चश्मा और दवाएं ले जाने की अनुमति दी है और तिहाड़ के अधिकारियों को विपश्यना ध्यान करने की अनुमति देने के उनके अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया है।

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