Sisodia-CBI Case : ममता बनर्जी समेत 9 नेताओं ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, पढ़े मुख्य बातें



Delhi Liquor Scam: दिल्ली की नई आबकारी नीति (Delhi Liquor Policy) में कथिक घोटाले मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर विपक्षी नेताओं ने एतराज जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।  9 विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को खत लिखा है।

चिट्ठी में लिखा गया, ‘आप सहमत होंगे कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। लेकिन जिस तरह से विपक्ष के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, उन कार्रवाई से लगता है कि हम एक लोकतंत्र से तानाशाही में तब्दील हो रहे हैं।

सीएम केजरीवाल सहित इन नेताओं ने लिखी चिट्ठी

आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, बीआरएस के चंद्रशेखर राव, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राजद से तेजस्वी यादव, जेकेएनसी से फारुक अब्दुल्ला, एनसीपी से शरद पवार, महाराष्ट के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है।


ये है चिट्ठी की अहम बातें

बिना सबूत के हुई गिरफ्तारी 

26 फरवरी 2023 को दिल्ली में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी बिना कोई सबूत साझा किए की गई।

लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में

सिसोदिया को स्कूल शिक्षा में बदलाव के लिए जाना जाता है। उनकी गिरफ्तारी दुनिया के सामने राजनीतिक साजिश का उदाहरण है। इससे इस बात को भी बल मिलता है कि भारत में लोकतांत्रिक मूल्य भाजपा के शासन में खतरे में हैं।

विपक्षी नेताओं के यहां ही रेड

2014 के बाद जिन नेताओं के खिलाफ एजेंसियों ने मामले दर्ज किए, छापेमारी की गई, उन्हें गिरफ्तार किया गया, वे ज्यादातर विपक्षी पार्टियों से संबंधित हैं।

शारदा चिट फंड की जांच ठप

जिन लोगों ने भाजपा जॉइन कर लिया, उनकी जांच सुस्त पड़ गई। पूर्व कांग्रेस नेता और अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ ईडी और सीबीआई ने 2014 और 2015 में शारदा चिट फंड मामले में जांच बैठाई थी। हालांकि भाजपा जॉइन करते ही सरमा के खिलाफ जांच ठंडे बस्ते में चली गई।

नारदा स्टिंग ऑपरेशन की जांच धीमी पड़ी

नारदा स्टिंग ऑपरेशन केस में तृणमूल कांग्रेस नेता सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय ईडी और सीबीआई की रडार पर थे। विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ने भाजपा जॉइन कर ली, इसके बाद जांच सुस्त पड़ गई। महाराष्ट्र के नारायण राणे केस को ही ले लीजिए। ऐसे अनेकों उदाहरण हैं।

Next Post Previous Post

विज्ञापन