हरियाणा में जिला परिषदों को 110 करोड़ रुपये किए गए अलॉट, गाँवों में ये काम तुरंत करने के आदेश, देखें



चंड़ीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जिला परिषदें ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ कार्य करवाएं। विकास कार्यों में धन की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। हर जिले के सौंदर्यीकरण के लिए बेहतर योजनाएं बनाएं, ताकि नागरिकों को उनका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। 

सीएम सोमवार को चंडीगढ़ में जिला परिषद के चेयरमैन व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में जिला परिषदों के सशक्तीकरण, फंड बढ़ोतरी एवं उनके कार्यों को लेकर चर्चा हुई।

बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक मजबूत बनाना चाहती है, इसके लिए पंचायती राज संस्थाओं को अधिक अधिकार दिए। 

सबसे पहले सभी जिला परिषदें अपने कार्यालय भवन का निर्माण करवाएं ताकि हर जिले में जिला परिषदों का अपना अलग से कार्यालय भवन हो। जिला परिषदों में अलग से इंजीनियरिंग विंग का गठन किया गया है। कर्नाटक की तर्ज पर जिला परिषदों को सशक्त किया जाएगा, जिनका अपना करोड़ों रुपए का बजट होगा।

जिला परिषदों को 110 करोड़ अलॉट किए गए

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो जिलों में जिला परिषदों के भवन निर्माणाधीन हैं और 2 अन्य जिलों में भवनों के निर्माण का कार्य जल्द शुरू होगा। 6 जिला भवनों के लिए जमीन का चयन करने का कार्य मुख्य कार्यकारी अधिकारी जल्द से जल्द पूरा करें। 

उन्होंने कहा कि जिला परिषदों को 110 करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया है। वह जल्द खर्च करें ताकि अगले वित्त वर्ष में और अधिक बजट अलाट किया जा सके।

ये काम कराए जिला परिषद

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदें बस क्यू शैल्टर, ई-लाईब्रेरी बनाने जैसे कार्य करें। इसके अलावा शिवधाम योजना के तहत रास्ते, चारदीवारी, शैड एवं उसमें पेयजल का कार्य करवाएं। खेत खलियान योजना के तहत आने वाले कार्य भी जिला परिषदें ही करेंगी। 

हर ब्लॉक में अधिक आबादी वाले 5 गांवों में स्ट्रीट लाइटें लगाने, ग्रामीण क्षेत्र की पीएचसी, स्कूल मरम्मत व 5 करम के रास्तों को पक्का बनाने का कार्य भी करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदें आंगनवाड़ी भवन बनाने और उनके रखररखाव के कार्य के साथ मिड-डे-मिल योजना की मॉनिटरिंग कर फीडबैक देने का कार्य करें। स्वच्छता अभियान के लिए घर-घर कूड़ा एकत्रित करने की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जाए। इसके लिए सभी नागरिकों का सहयोग लेकर सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत बायो डिग्रेडेबल व नॉन-बायोडिग्रेडेबल कूड़े का अलग-अलग निष्पादन करवाना सुनिश्चित करें। गांवों में सफाई व्यवस्था पर विशेष बल दिया जाए।

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