Bihar Earthquake : बिहार में 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके, अररिया था भूकंप का केंद्र, 10 किलोमीटर गहराई



Bihar Earthquake : इन दिनों भूकंप के झटके काफ़ी महसूस किए जा रहे है। तुर्की और सीरिया में आए भयानक भूकंप के बाद पूरी दुनिया डरी हुई है। ऐसे में भारत में वैज्ञानिकों ने बड़े भूकंप की चेतावनी दी है। लेकिन हाल के दिनों कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके लगातार महसूस किए जा रहे है।

बुधवार को सुबह 5.35 बजे बिहार के अररिया जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, अररिया में आज सुबह करीब 5.35 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी।

भूकंप के कारण किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। बुधवार तड़के पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी इतनी ही तीव्रता का एक और भूकंप आया। सिलीगुड़ी से 140 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में आए भूकंप के झटकों की सूचना सबसे पहले नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने दी थी। NCS ने कहा कि भूकंप बुधवार को सुबह 5:35 बजे आया। कोई नुकसान नहीं हुआ।

भूकंप के दौरान क्या करें? 

  • भूकंप आने की स्थिति में हमेशा शांत रहना चाहिए और दूसरों को आश्वस्त करना चाहिए।
  • घटना के दौरान, हमेशा सबसे सुरक्षित जगह की तलाश करनी चाहिए। जैसे- खुली जगह, इमारतों से दूर खड़े होना चाहिए।
  • घर के अंदर रहने वाले वैसे लोग जो समय रहते नहीं निकल पाते, उन्हें डेस्क, टेबल या बिस्तर के नीचे छिप जाना चाहिए। साथ ही शीशे वाले खिड़कियों से दूर रहना चाहिए।
  • शांत रहते हुए इमारत से बाहर जाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे भगदड़ मच सकती है।
  • यदि बाहर हैं तो इमारतों और बिजली के तारों से दूर हट जाना चाहिए और चलते वाहनों को तुरंत रोक देना चाहिए।

कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक

  • 0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा।
  • 2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं।
  • 3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
  • 4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं।
  • 5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं।
  • 6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।
  • 7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था।
  • 8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं।
  • 9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।
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