हरियाणा में अनिल विज विवाद के बीच होगा मंत्रिमंडल विस्तार, निर्दलीय विधायकों की हो सकती है बल्ले-बल्ले

Anil Vij And Khattar


Haryana News : अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव के चलते हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। 2024 चुनाव से पहले हरियाणा में कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। 


सीएम मनोहर लाल ने बुधवार शाम अचानक राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की। इसके बाद से ही चर्चा शुरू हो गई है कि मुख्यमंत्री जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं।


सूत्रों ने जानकारी दी है कि बैठक के दौरान बाल कल्याण परिषद में नियुक्तियों और आयोग के अध्यक्षों के शपथ ग्रहण पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली। 


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल आगामी चुनावी समीकरण को साधने के लिए विशेष रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं।


इसके तहत सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों को आखिरी साल के लिए कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। सरकार को छह निर्दलीय विधायकों और हलोपा के गोपाल कांडा का समर्थन हासिल है।


वहीं, राजस्थान में बिश्नोई बेल्ट में बीजेपी के बेहतरीन प्रदर्शन का तोहफा जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व कुलदीप बिश्नोई को मिल सकता है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनके बेटे भव्य बिश्नोई को भी शामिल किया जा सकता है। 


वहीं, अनिल विज ने अभी भी अपनी नाराजगी नहीं छोड़ी है। चर्चा है कि अगर दो-तीन दिन में उनका विवाद नहीं सुलझा तो वह स्वास्थ्य मंत्रालय छोड़ सकते हैं। वह पिछले दो माह से स्वास्थ्य विभाग की फाइलें नहीं देख रहे हैं।


स्वास्थ्य विभाग पर विज बोले- मुझे यकीन है, सीएम फैसला करेंगे

स्वास्थ्य विभाग में फाइलों के अटकने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह जल्द ही फैसला लेंगे और उन्हें मुख्यमंत्री पर भरोसा है। ऐसे में एक बार फिर विज ने गेंद मुख्यमंत्री के पाले में डाल दी है। 


अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री इस मामले में कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं। हालांकि, शीतकालीन सत्र से पहले विवाद को सुलझाने की कोशिश की जा रही है ताकि सरकार सदन में न घिर जाए।


गौरतलब है कि विज पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य विभाग की फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। यह मामला प्रदेश में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। विज सीएमओ के एक पदाधिकारी द्वारा समीक्षा बैठक करने से नाखुश हैं और उन्होंने अपनी इस नाराजगी से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री तक को अवगत करा दिया है। 

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