Haryana Roadways E-Ticketing Scam: खट्टर सरकार की ई-टिकटिंग सुविधा पूरी तरह फेल, इन जिलों में हुआ लाखों का घोटाला

Haryana Roadways E-Ticketing Scam


Haryana Roadways E-Ticketing Scam: हरियाणा रोडवेज में टिकट धोखाधड़ी को रोकने के लिए हाल ही में ई-टिकटिंग सुविधा शुरू की गई है, जिसकी मदद से सामान्य टिकट प्रणाली में धोखाधड़ी को पूरी तरह से रोका जा सकता है। 


लेकिन फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शुरू की गई इस योजना में भी भ्रष्टाचार की खबरें सामने आ रही हैं। रोडवेज कर्मचारियों के खिलाफ ई-टिकटिंग के जरिए पैसे हड़पने का मामला सामने आया है।


अंबाला, भिवानी और करनाल में कुछ कर्मचारियों द्वारा ई-टिकटिंग सुविधा में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसके बाद रोडवेज विभाग ने कई कर्मचारियों और परिचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही इस मामले की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।


भिवानी में डिपो में 3,31,400 रुपये का ई-टिकटिंग का घोटाला सामने आया है वहीं अंबाला में प्रारंभिक पड़ताल में प्रदेश के करीब 25 कर्मचारियों के नाम मुख्यालय स्तर से जारी किए गए हैं जिन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया। हालांकि अभी करीब 10 लाख रुपये का घोटाला माना जा रहा है लेकिन इसकी उच्चस्तरीय जांच हुई तो आंकड़ा काफी बड़ा हो सकता है।


उधर, रोडवेज यूनियन कर्मचारियों के समर्थन में खड़ी है। रोडवेज यूनियन के नेताओं का कहना है कि इसमें कर्मचारियों की कोई गलती नहीं है बल्कि जो मशीनें लगाई गई हैं उनमें कमी है। जिसके कारण पैसे का मिलान ठीक से नहीं हो पाया। यदि कोई ऑपरेटर एक रूट पूरा करके दूसरे रूट पर चला जाता है, तो पिछले रूट का डेटा मशीन में खो जाता है। इसलिए यदि पिछले रूट का पैसा ऑपरेटर से पहले ही ले लिया गया होता तो यह गड़बड़ी नहीं होती।


ई-टिकट प्रणाली क्या है?

धोखाधड़ी को रोकने के लिए हरियाणा रोडवेज द्वारा ई-टिकटिंग सुविधा शुरू की गई थी, जिसमें यात्री यूपीआई, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या किसी भी ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करके बस के अंदर टिकट खरीद सकते हैं। भुगतान के बाद यात्रियों को एक प्रिटेंड टिकट दिया जाएगा, जिसमें उनकी यात्रा की सारी जानकारी होगी।


कैसे हुआ घोटाला?

नई ई-टिकटिंग प्रणाली में टिकट मशीन से काटे जाते हैं। जब ऑपरेटर एक रूट खत्म करके दूसरे रूट पर जाता है और मशीन में नया रूट डाला जाता है तो पिछले रूट का डेटा डिलीट हो जाता है। इस वजह से यह पता नहीं चल पा रहा है कि पिछले रूट पर कितने टिकट जारी किए गए थे। इस मामले में कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया ताकि पैसों का गबन किया जा सके। फिलहाल मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की सच्चाई सामने आएगी।

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