𝐑𝐚𝐝𝐚𝐮𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬 : सीएम के पहुंचने से पहले किसान नेता सुभाष गुर्जर को किया नजरबंद

सुभाष गुर्जर का कहना है कि उन्होंने विरोध का कार्यक्रम पहले ही रद्द कर दिया था, लेकिन फिर भी सरकार व प्रशासन ने अपने तानाशाही रवैये का एक बार फिर से प्रमाण दिया है !



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By, Rahul Sahajwani
रादौर, डिजिटल डेक्स।।  भारतीय किसान यूनियन द्वारा मुख्यमंत्री का विरोध किए जाने की रणनीति की भनक लगते ही सुबह के समय पुलिस प्रशासन ने जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया। 

इस दौरान सदर थाना प्रभारी केवल सिंह व बुडिया थाना प्रभारी जसबीर सिंह अपनी टीम के साथ वहां मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने न तो परिवार के सदस्यों को कहीं बाहर जाने दिया और न ही सुभाष गुर्जर को। 

हालांकि सुभाष गुर्जर का कहना है कि उन्होंने विरोध का कार्यक्रम पहले ही रद्द कर दिया था। लेकिन फिर भी सरकार व प्रशासन ने अपने तानाशाही रवैये का एक बार फिर से प्रमाण दिया हैजिसको लेकर वह चुनाव में वोट मांगने आने वाले भाजपा के उम्मीदवारों से इसको लेकर सवाल जवाब करेगें। 


सुभाष गुर्जर ने बताया कि सुबह के समय वह सत्संग में जाने के लिए घर से निकल ही रहे थे कि तभी थाना प्रभारी केवल सिंह अपनी टीम के साथ उनके घर पर पहुंच गए। उन्होंने घर से बाहर जाने से उन्हें रोक दिया। 

मैनें उन्हें कहा भी कि हम विरोध का कार्यक्रम रद्द कर चुके है और अब वह सत्संग में जा रहे है। लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी। इतना ही नहीं परिवार के सदस्यों को भी सत्संग में जाने से रोका गया। 

सूचना पर उनके किसान साथी महिंद्र चमरोड़ी, अशोक प्रधान, धर्मबीर अमलोहा, कुलविंद्र सिंह, उदय कुंजल, मदनलाल, जगपाल व विनोद इत्यादि भी उनके घर पहुंचे थे। पुलिस ने उन्हें भी दोबारा वहां से नहीं जाने दिया। 

उन्होंने कहा कि पहले मुख्यमंत्री मनोहरलाल भी किसानों से डरते थे और अब नायब सैनी भी किसानों से डर रहे है। जबकि वह खुद को किसान का बेटा कहते है और किसानों की आवाज को ही दबाने का कार्य किया जा रहा है।

गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर ने यूनियन के पदाधिकारियों के साथ अनाज मंडी रादौर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने तोल कांटो की जांच की। जिनका तोल सही पाया गया। 

जिसके बाद उन्होंने फोन पर मार्किट कमेटी के सचिव से बात कर किसानों को मंडी में आ रही समस्याओं के बारे अवगत करवाया। 

उन्होंने गेहूं के धीमे उठान की समस्या भी उनके समक्ष रखी। जिस पर सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया कि आगामी दो दिनों में उठान की समस्या को पूरी तरह से दरूस्त कर दिया जाएगा।

इस अवसर पर सुभाष गुर्जर ने कहा कि किसान आंदोलन में 750 किसानों की शहादत हुई। जिसका हिसाब लेने का समय आ गया। अब किसान मजदूर अपनी वोट की चोट से किसानों की शहादत का हिसाब जरूर ले। 

उन्होंने बताया कि चुनाव के समय भाजपा के नेता किसानों को देश की रीड़ की हड्डी बता रहे हैं। देश का अन्नदाता बता रहे हैं। लेकिन जब किसान अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते है तब उन पर लाठियां बरसाई जाती है। 

उन्होंने सभी किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि कोई भी किसान भाई अभी किसी बैंक के अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा मांगे जाने पर किसी प्रकार के अपने दस्तावेज न दें। 

उन्होंने बताया कि सयुंक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पूरे जिले में सरकार की गलत नीतियों का प्रचार प्रसार किया जाएगा और वोट की चोट से किसान अपना बदला जरूर लेंगे। 

मौके पर महेंद्र कांबोज, अशोक डांगी प्रधान, मनमोहन सिंह औजला, कुलविंद्र सिद्धू, मदन लाल, रमेश ढिल्लों, साहिल सेतिया, विनोद डांगी, गुरदयाल कांबोज जुब्बल, ओम प्रकाश शर्मा विनोद काजंनू, जयप्रकाश इत्यादि मौजूद रहे।

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