हरियाणा के किसानों को CM खट्टर दी बड़ी सौगात, अब मुआवजा ₹6000 से बढ़ाकर इतने रुपये किया, जानें

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जलभराव के कारण जिस जमीन पर फसल की बुआई नहीं हो पाई, उन किसानों को मुआवजे के रूप में दी जाने वाली 6 हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि को बढ़ाकार 7500 प्रति एकड़ किया है। लेकिन जो किसान ईंट भट्टा लगाने तथा किसी निर्माण कार्यों के लिए वाणिज्य लाभ हेतू अपने खेत की मिट्टी का उठान करवाते हैं और जलभराव होता है तो उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों को मत्स्य पालन की ओर बढ़ना चाहिए। तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए तालाब प्राधिकरण बनाया है। अब तक 1762 तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ हुआ है। 663 का कार्य पूरा भी हो चुका है।

उन्होंने कहा कि जो आशा वर्कर्स पंचायतों में चुन कर आई हैं, उनके इस्तीफे का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि यदि गरीब परिवार के बच्चे की निजी स्कूल में पढ़ने की ईच्छा है तो सरकार 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय वाले ऐसे परिवारों के बच्चों की फीस वहन कर रही है। इसके लिए अलग से योजना बनाई है। बशर्ते कि स्कूल विद्यार्थियों को दाखिला देने के लिए सहमत हों। अब तक 381 निजी स्कूलों में दूसरी से 12वीं तक 1881 बच्चों को दाखिला दिया है। सरकार ने तय फीस के अनुसार अब तक 15,64,995 रुपये की फीस की प्रतिपूर्ति कर दी है।

 

 मनोहर लाल ने कहा कि पंजाबी राज्य की दूसरी भाषा है। पंजाबी टीचर के लिए 1203  पद सृजित हैं, 946 पद भरे हुए हैं, 256 को भरने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचरों को कोर्ट के आदेशानुसार ट्रांसफर ड्राइव में पहले रेगुलर टीचरों की शामिल किया जाता है। उसके बाद जहां रिक्ती बचती है, वहां गेस्ट टीचरों को एडजस्ट किया जाता है। 650 गेस्ट टीचर ऐसे हैं, जिन्हें दूर का स्टेशन मिला है।

 

उन्होंने कहा कि विधायक द्वारा पंडित भगवत दयाल शर्मा के नाम से बेरी में कन्या महाविद्यालय खोलने की मांग बार-बार उठाई जाती है, परंतु उस समय की सरकार के दौरान झज्जर जिला में ज्यादा कॉलेज खोले गए। उन्होंने विधायक से कहा कि पंडित भगवत दयाल शर्मा के नाम से कोई ओर शिक्षण संस्थान का नाम रखने का सुझाव दें। 4700 मेगावाट का परमाणु ऊर्जा संयंत्र फतेहाबाद जिले के गांव गोरखपुर में भारत सरकार के उपक्रम न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एन.पी.सी.आई.एल.) द्वारा स्थापित किया जा रहा है।

 

एन.पी.सी.आई.एल. द्वारा इस परियोजना की स्थापना के लिए लगभग 1503 एकड़ भूमि के अधिग्रहण किया था। चूंकि, एन.पी.सी.आई.एल. पर आर एंड आर पॉलिसी 2010 लागू होती है, तदनुसार एन.पी.सी.आई.एल. द्वारा इस नीति के अनुसार भूमि विस्थापितों को सभी लाभ प्रदान किए गए। लेकिन भू-स्वामी कोर्ट में चले गए और अब कोर्ट ने एन.पी.सी.आई.एल. को पार्टी बनाया हुआ है। 6 माह में इसका कोई हल निकाल लिया जाएगा।


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