Kejriwal on Rahul Gandhi : राहुल गांधी के समर्थन में आए केजरीवाल, बोले- कांग्रेस से मतभेद है लेकिन इस तरह फंसाना गलत



Rahul Gandhi Modi Surname Case : सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में सुनवाई करते हुए उन्हें दो साल की सज़ा सुनाई है। इस मामले पर अब सियासत शुरु हो गई है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी का समर्थन किया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने केंद्र और गुजरात सरकार वाली भारतीय जनता पार्टी पर साजिश रचने का आरोप लगाया।

अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की साजिश है कि गैर-बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुकदमा चलाकर उन्हें खत्म कर दिया जाए। केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस के साथ हमारे मतभेद हैं, लेकिन राहुल गांधी को इस तरह मानहानि के मामले में फंसाना सही नहीं है। सवाल पूछना जनता और विपक्ष का काम है। हम अदालत का सम्मान करते हैं लेकिन फैसले से असहमत हैं।

मोदी सरनेम मामले में दो साल की सज़ा

गुरुवार को गुजरात के सूरत की एक अदालत ने बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी की ओर से दायर एक आपराधिक मानहानि मामले में गांधी को दोषी पाया। मामला 2019 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले का है, जब राहुल गांधी कर्नाटक में प्रचार कर रहे थे और उन्होंने कहा कि ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी है’; यह टिप्पणी नीरव मोदी जैसे भगोड़े कारोबारियों के संदर्भ में थी।

फैसले के तुरंत बाद गांधी ने महात्मा गांधी को कोट करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा इसे प्राप्त करने का साधन है। वहीं, प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।

क्या है पूरा मामला?

राहुल के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का एक ही सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल की इस टिप्पणी के खिलाफ बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल ने उक्त टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक में हुई जनसभा में की थी।


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